Uttarkashi: उत्तराखंड में स्कूलों की स्थिति: बाल बाल बचे छात्र,
उत्तराखंड, जो अपनी सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, आजकल शिक्षा के क्षेत्र में कई समस्याओं का सामना कर रहा है। यहां के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, शिक्षकों की कमी और पैसे की कमी जैसी समस्याएं हैं। पहाड़ी इलाकों की कठिनाई के कारण उत्तराखंड के कई स्कूलों में सही बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। कई स्कूलों में कक्षाएं कम हैं, जिससे बच्चों को सही माहौल में पढ़ाई नहीं मिल पाती। कुछ स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब और खेल के मैदान भी नहीं हैं, जिससे बच्चों का सही विकास नहीं हो पाता, Amar Ujala उत्तरकाशी News
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बुनियादी सुविधाओं की कमी2010 में बने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का भवन मात्र 10 /12 साल में ही खराब हो गया है। हल्की बारिश में भी स्कूल की छत से सीमेंट गिरने लगता है।उत्तराखंड के नौगांव विकासखंड में स्थित इस स्कूल में शुक्रवार को बारिश के कारण एक कक्षा की छत से प्लास्टर टूटकर छात्रों पर गिर गया। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई, लेकिन किसी को चोट नहीं आई। घटना के बाद से बच्चे डर गए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को पंचायत भवन में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। उत्तराखंड में शिक्षकों की भी कमी है। कई स्कूलों में एक ही शिक्षक को कई विषय पढ़ाने पड़ते हैं, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता खराब हो जाती है। दूरदराज के इलाकों और कम वेतन की वजह से शिक्षक यहां आना नहीं चाहते।ग्रामीण कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं कि स्कूल की छत से सीमेंट और पानी टपकता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्राम प्रधान सीमा सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को कक्षा आठवीं की छत से सीमेंट और बजरी टूटकर नीचे गिर गईं। इस कारण छात्र-छात्राएं और शिक्षक दौड़कर बाहर आ गए, किसी को चोट नहीं आई।
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ग्राम प्रधान सीमा सेमवाल ने कहा कि इस घटना से बच्चे डर गए हैं। अगर भवन की मरम्मत नहीं हुई तो बारिश में बड़ी दुर्घटना हो सकती है। स्कूल की छत कई जगह से कमजोर हो गई है और कभी भी गिर सकती है।खंड शिक्षाधिकारी नौगांव बृजमोहन सिंह चौहान ने बताया कि सुरक्षा के लिए बच्चों को पंचायत भवन में पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं और जीर्ण-क्षीर्ण स्कूल की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी गई है।
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