By-election Uttarakhand 2024 : सड़कें, बिजली, पानी पलायन, बना उपचुनाव मुद्दों का गढ़,

By-election Uttarakhand 2024 : सड़कें, बिजली, पानी पलायन, बना उपचुनाव मुद्दों का गढ़?



By-election Uttarakhand 2024 को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारी बढ़ा दी है। इस बार के उपचुनाव में बद्रीनाथ और मंगलौर के गांवों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। ये दोनों क्षेत्र धार्मिक और राजनीतिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण हैं। आइए जानते हैं कि इन गांवों की वर्तमान स्थिति क्या है और कौन सी पार्टी यहाँ मजबूत हो सकती है।

बद्रीनाथ: संस्कृति का संगम

सनातन धर्म” हिमालय की गोद में बसा बद्रीनाथ, भारत के चारधामों में से एक है। यह जगह सिर्फ अपनी आध्यात्मिकता के लिए ही नहीं, बल्कि यहाँ की समृद्ध संस्कृति के लिए भी मशहूर है। बद्रीनाथ की संस्कृति धर्म, परंपराओं और प्राकृतिक जीवन का अद्भुत मिश्रण है।

बद्रीनाथ: धर्म और राजनीति का मेल :

बद्रीनाथ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है, जहाँ हर साल लाखों लोग दर्शन करने आते हैं। लेकिन चुनाव के समय यहाँ की राजनीति भी चर्चा में आ जाती है। बद्रीनाथ के गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी एक बड़ा मुद्दा है। यहाँ की सड़कें, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाएँ अच्छी नहीं हैं, जिससे गाँव के लोग परेशान हैं।

भाजपा (भारतीय जनता पार्टी)

भाजपा के नेता बद्रीनाथ में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मेहनत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के हाल के दौरे और कई नई विकास योजनाओं की घोषणाओं ने भाजपा की स्थिति को थोड़ा मजबूत किया है। भाजपा का कहना है कि उनके शासन में बद्रीनाथ में पर्यटन बढ़ा है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ है।

कांग्रेस पार्टी
कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के माध्यम से ग्रामीणों के बीच पहुँच बनाने की कोशिश की है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार ने केवल वादे किए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ है। कांग्रेस का वादा है कि अगर वे सत्ता में आए, तो बद्रीनाथ के गांवों की बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता देंगे।

मंगलौर: विकास के वादों की सच्चाई

मंगलौर क्षेत्र में विकास एक बड़ा मुद्दा है। यहां के गांवों में नौकरी की कमी और खेती से जुड़ी समस्याएं हैं। किसान अपनी फसलों का सही दाम नहीं मिलने से परेशान हैं और युवा नौकरी के लिए बड़े शहरों की तरफ जा रहे हैं।
देखा जाए सदियों से चली आ रही पार्था लोग पलायन तेजी से हो रहा है,  किसी भी पार्टी के पास कोई ना तो ठोस कदम उठाए गए , ना ही अच्छी रणनीति बना पाए,  लेकिन चुनाव आते ही बड़े बड़े वादे ज़रूर करते है,  सबसे बड़ा मुद्दा पलायन, और रोजगार, !

भाजपा “नरेंद्र मोदी”

भाजपा ने मंगलौर में विकास कार्यों के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है। पार्टी ने ग्रामीण इलाकों में सड़कें बनाने और खेती सुधारने पर जोर दिया है। भाजपा के नेता गांव-गांव जाकर लोगों से मिल रहे हैं और बात कर रहे हैं।

कांग्रेस”राहुल गांधी”

कांग्रेस पार्टी ने मंगलौर में नौकरी और खेती को मुख्य मुद्दा बनाया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार ने किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया है। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आए, तो किसानों को उनकी फसलों का सही दाम दिलाने के लिए कड़े कदम उठाएंगे।

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